Thursday, October 01, 2009

गोनू झा एक बेर मुइलाह......


एक समय गोनू झा मिथिलाक राजा ओहिठाम चाकरी करैत छलाह | एक दिन राजा अपन पिताक श्राद्ध कs दरबार पहुँचलाह तs गोनू झा पुछलथिन जे एहि करतेबतामे कतबा खर्च पड़ल | राजा कहलथिन जे लगभग दस हजार |

एहिपर गोनू झा कहलथिन - ' कृपानिधान! हम वृद्ध भs चुकल छी तें अपनेक आज्ञा हो तs किछु निवेदन करी? "

- " कहल जाय | "

- " हमार प्राथना अछि जे जं हमर कोनो कारणसं मृत्यु भs जाय तs श्राद्धक लेल हमरा पुत्र के हजार - पाँच सय रुपैयाक सहयोग करीऐक | "

- " हजार - पाँच सय टकासं की होयत | हम अहाँक | श्राद्धक हेतु दस हजार टाका देब | "

- " कृपानिधान, कहैत तं छी मुदा मुइलाक बाद ककरा के देखै | अपने यदि देबौ चाहबै तs मंत्री आ खजांची अड़ंगा लगा देताह | "

- ककर साहस छैक जे हमर आदेशक उल्लंघन करत | "

- " भs सकैए मन्त्री आ खजांची नै बाजथि मुदा स्त्री आ पुत्र पर तs अपनेक एको नहि चलत | "

-" गोनू बाबु, अहाँ चिन्ता नहि करू | हम अपने हाथसँ अहाँक श्राद्ध करायब | "

- " ठीक छै, हम देखि लेब | "

- " अहाँ मरि कs कोना देखबैक |

- " प्रेत बनी कs

गोनू झाक गप्प सुनि कs राजा हँसी पड़लाह आ अपन काजमे लागि गेलाह |

गोनू आ भोनू दुनु भाइ छलाह | एक दिन दुनु कमला नदीक बाढी देखि रहल छलाह | गोनू सहसा ओतs सं निपत्ता भs गेलाह आ एकटा ढेप लs कs गाछ पर चढि गेलाह | थोडेंक कालक बाद ओ पानिमे ढेप फेकलनि | भोनू चौन्कलाह | हुनका बुझयलनि जे क्यो पानिमे कुदल अछि | फेर भायकें तकलनि | ओ नहि छलथिन | हुनका विश्वास भs गेलनि जे गोनू कुदि कs डुबि गेलाह | ओ प्रसन्न भेलाह जे भने मरि गेलाह | आब हुनको सम्पति हमरे परि लागत |

भोनू झा घर अयलाह आ अपन भाउजकें सभ वृतान्त कहि सुनओलनि | कन्नारोहट उठि गेल | ओ अपनो खूब जोरसँ कानs लगलाह | इ द्रश्य भरि राति चलैत रहल |

भोनुक चलि गेलाक बाद गोनू गाछसं उतरलाह | नदिमे दहाइत एकटा लास छनलनि आ अपन देहक धोती आ मिरजइ ओकरा पहिरओलनि ओहि लासक चेहरा पहिनहिसं क्षत - बिक्षत छलैक, तें चिनहबाक कोनो प्रशने नहि छलैक | गोनू झा तकर बाद भगैत - नुकाइत कतहु अनतः चलि गेलाह |

गामक लोक लासक ताकाहेरीमे नदी - तीर दिस पहुँचलाह | लास नदीक कातमे दहाइत भेटलैक | सभ ओहि लासकें छानि हुनक दाह - क्रिया सम्पन्न कयलक |

प्रातः काल गोनुक पुत्र दरबारमे पहुँचलाह | मृत्युक समाचार सुनि राजा अत्यंत दुःखी भेलाह आ अपन राज - काजमे लागि गेलाह | जखन हुनका गोनू झाकें वचन स्मरण कराओल गेलनि तं ओ अत्यन्त सहानुभूतिपूर्वक मंत्रिकें आदेश देलथिन जे गोनुझाक श्राद्ध निमित्त दस हजार टाका राजकोषसं देल जाय |

गोनू पुत्र मन्त्री लग पहुँचलाह तs ओहिमेसं ओ एक हजार - टाका देबाक लेल कहलथिन | ओ राजी भs गेलाह तथा मंत्री़क अनुशंसा लs कs खजांची लsग पहुँचलाह ओहो एक हजारक मांग कयलथिन |

गोनू पुत्र तुरत तैयार भs गेलाह एहि प्रकारे आठ हजार टाका लs कs ओ बिदा भs गेलाह | बाटमे ओ सोचलनि जे किएक ने हमहूँ एक हजार एहिमे सं टपा ली | तदनुसार सात हजार लs कस मायक हाथमे दs देलथिन तथा कहलथिन जे तीन हजार घूसमे लागि गेल | गोनू झाक पत्नी सोचलनि जे राज दरबारमे एहिना होइत छैक | जैह आयल सैह की कम भेल |


धीरे धीरे श्राद्ध लगीच आबि गेल | गोनू झाक पत्नी ओहिमे सं चारि हजार अपना लग राखि शेष तीन हजार अपन देओरकें श्राद्धक निमित्त दs देलथिन | भानु झा मोनमे सेहो एकटा भाव उपजलनि जे कियक ने एहिमे सं एक हजार बचा देल जाय? ओ तहिना कयलनि तथा मात्र दू हजार खर्च कs श्राद्धक कर्मसं उत्रीन भs गेलाह |

एम्हर गोनू झाकें सभ समाचार प्राप्त होइत रहलानी आ ताहिसँ बहुत खिन्न भs गेलाह |

एक दिन सहसा राज दरबारमे उपस्थित भेलाह | सभ हुनका प्रेत बुझी ओतs सं पड़यलाह | मुदा गोनू झा बिहूँसैत रहलाह | गोनू झाक आगमनक सुचना जखन राजाकें भेटलनि ओही चितित भs उठलाह | मुदा फेर मोनमे भेलनि जे गोनुक मृत्यु अवशये कोनो चालि अछि | ओ हुनका बजा सभ हाल लेलनि | गोनू झा चुनि - चुनि कs सभ घटनाक उल्लेख कयलनि आ अन्तमे कहलनि जे - " गोनू एक बेर मुइलाह, सभकेँ चीन्हि कs बैसलाह | "

राजकें दुःख भेलनि, हँसी सेहो लगलनी |

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