Wednesday, September 30, 2009

गोनू झाक बरद


गोनू झाक एक बेर माल - जालक हाट गेलाह तथा ओतs सं नीक बरद किनने अयलाह | पैसाक किल्लति रहिन तें एकटा किनलनि | सोचलनि जे पाइ होयत तं जोड़ा लगा लेब | एहि वर्ष ककरो संग भजैती कs लेब | यैह सभ सोचैत गोनू झा गाम दिस आबि रहल छलाह | कि तखने एक गोटे पुछलथिन-'गोनू बाबू कतेकमे पटल? "

- " पौन सयमे भेल| ' गोनू बाबू हुलसैत उत्तर देलथिन आ बात पर आगू बढ़ैत गेलाह | तखने एकटा जजमान सं भेट भs गेलनि | ओही वैह प्रशन कs देलथिन- " पुरहित, कतेक पर टुटलै? "

-" यैह, पौन सयमे | " गोनू झा उत्तर देलथिन |

एवम् क्रमे गोनू बाबूक गाम जेना - जेना लगीच भेल जानि, पुछनिहारक संख्यामे वृद्धि भेल जनि | गोनू बाबू पूर्वमे तs बड़ हुलसिकs उत्तर दैत जाइत छलथिन | मुदा बादमे क्रमशः एहि प्रशन पुछनिहार सभसं आजिज भs उठलाह | ककरा उत्तर देथु, ककरा नहि देथु | हुनकर बरद किनबाक जे ख़ुशी रहनि, से दुःख मे परिवर्तित होबs लगलनि |

मुदा गोनू बाबू अपनाकें एहिसँ असम्प्रक्त्त रखबाक प्रयास करs लगलाह | मुदा से हो तs कोना हो? यैह प्रशन बेर-बेर दिमागमे घुरिआय लगलनि | कि तखने एकटा बुद्धि फुरलनि | एम्हर एही चिन्तन-मंथनमे गाम सेहो आबि गेल रहनि | एकाएक ओ बरद्कें बाधक कातक एकटा गाछक सोइरमे देलनि आ अपन गाछक फुनगी पर जाकs बैसि रहलाह | नीक जकाँ जखन बैसि रहलाह सं ओहीठामसं चीकरब शुरू कयलनि- ' दौडै जाइ जाह हो लोक सभ...............मरलौं होsssss!! "

चिकरबाक ई अन्तहीन सिलसिला तखन ख़तम भेलनि जखन हुनका ई बुझा गेलनि जे गामक प्रायः सभ लोक जुमि गेलाह अछि |

गोनू झा गsरकें साफ़ करैत नीचाँ उतरय लगलाह | प्रशन पुछनिहारक संख्या बढ़ैत गेल - कि भेल ? किए चिकरै छलौं | कोना गाछ पर चढ़लौं आदि - आदि |

गोनू बाबू ताधरि मौन छलाह | नीचा आबि कने आस्वस्त भेलाह तथा सहटिकs बरद लग अयलाह | तदुपरांत ओ कनेक खखसलाह आ बाजि उठलाह - " सुनि लियs! आब हम फेर नहि बाजब | हम उत्तर दैत - दैत थाकि गेल छी | तें सोचल जे समिलाते बजा, स्पष्ट कs देल जाय | हम एहिसँ बड़ व्यथित छी.........|

- आखिर की बात छै गोनू बाबू?? " सम्मिलित प्रशन छुटलनि |
- " बात किछु नहि अछि" गोनू बाबू स्पष्ट करैत कहलथिन- " हम इ बरद किनलहूँ अछि | एकर दाम अछि पोन सय | अदन्त अछि | बधिया अछि.......| "

गोनू बाबू कनी रुकलाह, फेर बजैत भेलाह- " आब ऐ सं बेसी हमरा किछु नहि कहबाक अछि | तथा अहूँ सभसँ आग्रह जे फेर हमरा ऐ बरदक मादे किछु नहि टोकू, बस |

एतबा कहैत ओ बरद फोललनि आ निकसि गेलाह | उपस्थिति लोक सभक कंटमे आयल बात मूहँमे आबि अंटकि गेलनि |

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