Tuesday, September 29, 2009

गोनू झा एखनो जीविते छथि


गोनू झा मृत्युशय्या पर छलाह | प्राण अब-तबमे रहनि | पूरा गाम उनटल रहय महापुरुषक महाप्रयाणक बेलामे | तखने गोनू झाकें कने होस अयलनि, बजलाह - " भोनू! भोनू!! "

भोनू दौड़लाह हुनकर मुहँ लग - " की कहे छी भाई? कोनो इच्छा? "

गोनू बजलाह - " नहि, आब किछु नहि, गोदान करा दैह | "

फेर गोनू थम्हि बजलाह - "हे! एकटा एहन गाय ताकू जे गोदान बाद हमरहि संगे ओकरो प्राण छूटि जाइक | नहि कतौ भेटय तs अपने खुट्टा परक फोलि आनु | जाउ, जल्दी जाउ | आब हमर समय समाप्त भs रहल अछि | "

पूरा वातावरण नोरा गेल | तुरत एक गोटो गाय - फोलि लs अनलक | गोनू बाबू गायक नांगरि धयलनि | मंत्रोच्चारण भेल | आ गोनू - गाय दुनु टगि गेल |

आ गोनू बाबू ऐ पृथ्वी सं विदा भs गेलाह |

एकर बाद गोनू बाबू स्वर्गमें रहथि | हीनकर क्रिया - कर्मक लेखा - जोखा भs रहल छल | चित्रगुप्त महाराज फेरिमे रहथि | एहन लोक आइ धरि नहि देखल | हिनकर कोन क्रिया पुण्य तथा कोन पाप तकरा फडिछायब बड़ दुरुह |

जखन चित्रगुप्त महाराजसं हिनकर समस्या नहि सोझरयलनि तs यमराज स्वयं एहिमे पड़लाह | हुनकर सभ कागज - पत्र देखलनि आ अन्तमें गोनू कें कहलखिन जे आहाँ अपन जीवनमे बस एकटा पुण्य कयलहूँ जे गौ-दान कयल | बाजू आहाँ, आब की करs चाहब |

गोनू कनेक सोचलनि आ फेर कहलखिन हमरा हमर गायकें मंगा देल जाओ |

यमराजक आदेश भेलनि | गाय आनल गेलिओ हुनका सुपुर्द करैत यमराज कहलखिन - "यैह आहाँक सम्पति भेल | एहिसँ आहाँकें गुजर करबाक अछि | ई गाय अहिं टाक बात मानत | बस | "

कहैत यमराज सभा विसर्जित कयलनि | एम्हर गोनू गायक पीठ पीठ सोहरोलनि आ ओकरा कानमे किछु कहलखिन | कि एकाएक स्वर्ग में हरबिररो मचि गेल | गाय यमराज आ चित्रगुप्त दुनुकें चौताड़s लागल | दुनु भगैत जाथि आ ओ दुनुकें हड़पेटने जानि |

एहिना जखन बड़ीकाल चलैत रहल तs यमराज घुरछी कटैत गोनू लग आबि खसि पड़लाह - " जो हम तोरा सं हारि मानलाहूँ |

" तों स्वर्गमें रहs योग्य नहि छें | " फेर अपन सेवकें आदेश दैत कहलनि - ' गोनू कें पृथ्वी परक मिथिलापुरी खण्ड पठा देल जाय | "

आ गोनू पुनः मिथिला आबि गेलाह ओ एखनो जीवि़त छथि | मरलाह नहि | मरबो नहि करताह |

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