Friday, October 09, 2009

गोनू झा आ नौआ


गोनू झा एकबेर बहुत दिनक बाद अपन जजमनिकासं घुरल आबैत छलाह | बाटमे हाट देखि ठमाकि गेलाह | माछक बाजार मे माछक अम्बार देखि मोन पनिया गेलनि | बटुआ टोलनि | भरल छलनि | जजमान कयनहुरहनि बेस बिदाइ | कराचुर एक मासक बिदाइ रहनि बटुआमे | चट अपन पसिन्नक रोहु माछ तौलबाक हेतुमलाहकेँ कहलनि | जीबैत माछ छहछह करैत |

मलाह परिचित रहनि | माछकेँ नीक जकाँ तौलि दमगरसं खोंचरिमे बान्हि थमहा देलकनि | गोनू बाबु ओकरा पाइथम्हा गदगद होइत गाम विदा भेलाह | मोन तिरपित रहनि | आजुक भोजनक कल्पना करैत रहलाह | बेर - बेर जजमानकेँ आशीर्वाद दैत रहथिन | अतेक दिनुका बाद गोनूकेँ घुरल देखि, सेहो माछक संग, पत्नी s बुझू जे नाचि उठलथिन |

कि थोड़वहि कालक बाद देखैत छैथि जे गामक नौआ आबि रहल अछि | लग आबि प्रणाम कयलकनि मुदा ओकरनजरि रहैक खोंचरि पर | नौआ जखनहि प्रणाम कयलकनि कि गोनू बाबू हालचाल पुछलथिन - कहह, गाम घरक हालचाल!

एहिपर मूँह लटका लेलक | गोनू बाबूकेँ किंचित चिन्ता भेलनि | s सकैछ, घरमे एकरा किछु s गेल होइक | आत्मीयताक संग पुछलथिन | नौआ चुप्पे रहल | क्रमशः ओकर मूँह लटकैत जैत रहैक |

कतेक कालक आग्रह - अनुरोधक बाद नौआक बकार खुजलैक जकर निचोर रहैक जे एखनहि थोड़ेक काल पहिने गोनू बाबुक पत्नीक देहांत s गेलनि | चोट्टहि लोक हुनक दाह - संस्कारसं घुरल अछि |

गोनू बाबू गाछसं खासलाह | आब कि होयत | हमरा तं दुनियेँ अन्हारे s गेल | आब ककरा लेल देह | ककरा ला इच्छा - आकांक्षा गोनू बाबू किछु नहि बाजि सकलाह | बड़ी काल धरि ठकमुड़ी लागल रहनि |

अंततः गहवरित कंठे नौआकैँ माछ दैत कहलथिन जे लैह आब तोंही | हम आब कतs ककरा लेल s जायबके खायत एहि छुतकामे |

गोनू बाबू जतबहि प्रसन्नचित रहथि, ततवहि दुखी होइत घर दिस बढ़ैत गेलाह | डेग नहि उठैत रहनि |

मुदा जखन आँगन पहुँचलाह पंडिताइनकेँ देखि तराटक लागि गेलनि | तुंरत बात छनकलनि | जरुर नौआक नंगटेअछि | माछक कारणे हमरा अतेक पैघ अनिशटक गप कहि माछ टानि लेलक |

बात आयल - गेल, ख़तम s गेल | फेर वैह गोनू झा वैह नौआ | नौआ बुझलक गोनू बाबू हँसोर लोक तेँ हँसी कयलियनि | गोनू झा बुझलनि जे नौआ छी | पसारी छी | कोनो बात नहि |

किछु दिनक बाद गोनू बाबूकेँ कुठाममे गूड़ s गेलनि | खाट s लेलनि | ने उठि होनि ने निन्न होनि |

गूड़ जखन पाकि गेलनि s नौआकेँ कहा पठाओलनि जे आबि कनी मुहँ बना देत | नौआ गोनू बाबूकेँ ठकने रहनिमुदा किछु नहि कहलथिन | एखन कष्टमे छथि, s हमर कर्त्तव्य अछि जे यथासाध्य सहयोग करियनि |

गोनू बाबूक घर पहुँचल गोनू दर्दसं बाप - बाप s रहल रहथि | इशारा सं गूड़क स्थान कहलथिन |

नौआ लोहखर खोलि निधुरिकs गूड़क मुहँ बनबs चाहलक | गोनू दर्दसं मर्माहत रहितहु संकेत सं पुनः कहलथिनजे खाटक नीचां बिनु पैसने नहि s सकैत छह |

नौआ खाटक तरमे घुसियायल चित्त s जखनहि लहरनि हाथमे s तैयार भेल कि................. . . . .

नौआ बाप - बाप करैत ओतsसं भागल पोखरिमे जा अरकिs खसल |
|

No comments:

Post a Comment

Blog Created By "Maithil" In Search Of Jindgi.