Saturday, October 10, 2009
गोनू झाक बाड़ी
एक राति गोनू झा घर मे सुतल छलाह | निसभेर राति मे सहसा निन्न उचटि गेलनि | देखैत छथि जे चोरबा सभ सेन्ह काटि क्रमशः घरमे प्रवेश कs रहल अछि |
तत्क्षण किछु नहि फुरलनि तs फोंफ कटैत पत्नीकेँ पाँजरमे बिठुआ काटि ललथिन | ओ लोहछैत उठि - पुठिकs बैस रहलीह - एखन धरि अहाँकेँ आदति नहि गेल अछि | आब बयस धयले अछि ई सभ करबाक?
गोनू झा मुस्काइत रहलाह | पंडिताइन बड़बड़ाइत आँखि मिडैत रहलीह तथा पाँजरकेँ सोहराबैत रहलीह |
वातावरणकेँ ठंढाइत देखि गोनू पत्नीकेँ कहलथिन - एकटा बात मोन पडिआयल छल तेँ कांच निन्न्मे उठा देलाहूँ |
- एहन कोन बात रहै जे एना कs चौंका देलाहूँ | पंडिताइनकेँ बिठुआक विसविसी कम नहि भेल छलनि, बजैत रहलीह - इह, लगैए जेना मांसु नोचा गेल होअय |
- अरे, बड़ पुरान बात मोन पड़ी आयल अछि | बाबू जखन मरs लगलाह तs बजाकs एकटा बात कहने रहथि |
- से की?
- अरे, पछुआड़ मे जे भांगक बाड़ीक चकला अछि ने |
- हँ - हँ
- ओ कहने रहथि जे बेर - विपत्ति पड़य तs हमर गाड़ल धन - बीत कोड़ी - कोड़ी काज चलायब |
- तs बाबू अपन जीवनक सभ कमायल सम्पत्ति बाड़ीमे गाड़ीकs धs गेल छथि?
- नहूँये बाजू | एखन समय बड़ ख़राब चलि रहल छैक | चोर - छिपाड़ कोंटा - आँगन धैने रहित अछि | सुनि लेलकतs सभ गुड़ गोबर भs जायत |
गोनू झा ई सभ गप्प करैत - करैत फोंफ काटय लगलाह | मुदा पंडिताइनकेँ उदवेग लागि गेलनि | लगलीह गोनूकेँ उछन्नर करय | मुदा गोनूक निन्न कियक फुजतनि | ओ तs चोट्टे निसभेर भs गेलाह |
जखन पसरनक बेर भेलै़क तs गोनू झाक निन्न फूजलनि | ओ चोट्टे भांगक चकला दिस विदा भs गेलाह | चकलापर आबि देखैत छथि जे चोरबा सभ एक सरमे पुश्त - दर पुश्त सं परती पड़ल भांगक बाड़ीकेँ तमने चलल जा रहलअछि |
गोनू झा कने - काल ठाड़ रहलाह आ चोरबा सभक भाव - भंगिमाकेँ निहारैत रहलाह | फेर खखसैत चोरबा सभकेँ सम्बोधित करैत बजलाह - ठीकसं तमै जाइ जाह | हम पनपियाइक बंदोबस्त कयने अबैत छियह |
एक बेर सभ चोरबाक मशीन बनल हाथसं कोदारि छुटि गलैक | ओ सभ लंक लs कs पड़ायल | गोनू झा तामल खेतकेँ निहारैत डाँड़सं तमाकूक डिबिया बहार कयलनि आ बैसिक चुनबs लगलाह |
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