Monday, October 05, 2009

गोनू झाक ढाकी


कमला नदीक कछेड़मे पड़ैत रहनि गोनू झाक खेत | एक बेर कमलामे भीषण बाढ़ीआयल | सभक फसिल जलमगन भेल जा रहल छल | गोनू झाक सेहो जजाति कमला महारानीक गर्भमे जा रहल छलनि | ओ एक दिन नदीक कातमे गेलाह आ कsल जोडि प्रार्थना कयलनि जे जं एहि बाढ़ीसं हमार फसिल धान बचि गेल तं हे कमलेश्वरी, अहाँकें एक हजार जीवक बलि चढायब |

कमला मैया हुनकर विनती सुनलथिन | हुनकर डूबल सम्पूर्ण जजातिक पानि सुखा गेलनि | बाढ़ीक पानिसं पटल खेत सभक धान लह - लह कs उठल | गोनू झा आनन्द विभोर होइत गेलाह आ एहना स्थितिमे अपन देल वचनकें बिसरी गेलाह |

धनकटनी आरम्भ भेल आ देखैत - देखैत धानसं हुनकर खरिहान उजगूज करय लागल | आब दाउन आरम्भ होयत तथा धान घर जायत कि एक दिन गोनू झाक पत्नी हुनका कमला मैयाकें देल वचन स्मरण दियौलथिन | गोनू झा कें एकाएक भक्क फुजलनि आ अपन गलतीक भान भेलनि | ओ चिंतासं छट - पट करय लगलाह | आब कि कयल जाय? एही छटपटीमे भोरसं साँझ भेल | साँझसं राति भेल आ ताही चिन्तामे गोनू झाकें निन्न भs गेलनि | सहसा निसभेर रातिमे हुनकर निन्न फुजलनि | देखैत छथि जे असंख्य उड़ीस हुनकर सोणीत - पान कs रहल अछि | थोड़क काल तं ओ अथ उथमे रहलाह मुदा चोट्टे एकटा विचारक जन्म भेलनि | तुरत एकटा डिब्बा अनलनि आ गनि - गनि कs निशचित भs गेलाह |

निसभेर होइते ओही डिब्बा संग नदीक कातमे उपस्थित | ओ कमला मैयाकें अपन वचनक स्मरण करबैत डिब्बाकें जलमे प्रवाहित कयल | डिब्बा थोड़ेक काल पनि पर दहाइत रहल फेर डूबि गेलाह | गोनू झा प्रसन्न भs गेलाह जे कमला माइ हमर चढौआ स्वीकार कs विदा भs गेलाह |

रातिमे जखन गोनू सुतल छलाह तं कमला मैया स्वप्न देलथिन - " तो हमरा धोखा देलह अछि ! जीवक बदला उड़ीस मारि हमरा बुरबक बनओलह अछि | जाह, हमहूँ श्राप दैत छियह जे तोरा एक ढाकीसं फाजिल अन्न नहीं होयतह | " आ कहैत अद्रश्य भs गेलीह |

भीनसर भेल! गोनू झा अपन खरियान दिस अयलाह | तुरन्त जsन अढओलनि आ हजार मोन अँटबा योग्य एकटा तरहरा खुनओलनि तथा ओकर पेनी कतरि ओही सोन्हि जकाँ पर बैस देलनि |

एम्हर दाउन शुरू भेल | धान तैयार होइत गैल | जsन सभ ओही ढाकीमे धान ढारैत जाय, धान बिलायल जाइक | भोरसं साँझ रातिमे बदलल गेल | मुदा ढाकी खालीक खालिये रहि गेल |

गोनू झा खरिहानमे पड़ल - पड़ल एक निन्न घिचबाक व्योंत धरोअलनि |

आँखी झलफलाय लगलनि | निन्न भs गेलनि कि ताखनहि कमला मैया स्वप्न देलथिन - " गोनू सरिपहूँ तों माहिर बुधियार छह | हमरहु ठकि लेलह | जाह हमर आर्शीवाद छह जे तोरा कियो पराजित नहि करतह | "

गोनू झा दांत खिसोटै़त कमला मैयाकें प्रणाम कयलनि आ लघुशंका निवारणार्थ उठि विदा भs गेलाह |

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